श्री कृष्ण रेकी: एक विस्तृत परिचय
 श्री कृष्ण रेकी एक उन्नत रेकी प्रणाली है जिसकी स्थापना और शुरुआत भारत के प्रख्यात आध्यात्मिक साधक श्री मनोज बुब द्वारा 2010 में की गई है। यह प्रणाली करुणा, भक्ति, दिव्यता और प्रेम पर आधारित है, जो शरीर, मन और आत्मा के गहन उपचार का मार्ग प्रदान करती है।  श्री कृष्ण रेकी का इतिहास और उत्पत्ति  श्री मनोज बुब ने श्री कृष्ण रेकी की स्थापना एक दिव्य प्रेरणा और वर्षों की साधना के पश्चात की। इसकी शुरुआत 2010 में हुई, जब श्री मनोज बुब ने भगवत्भाव, करुणा, और श्रीकृष्ण चेतना के ऊर्जा-स्रोत से जुड़कर उपचार करने की इस प्रणाली को विकसित किया। यह प्रणाली साधक को आत्मा के उच्चतर स्तरों से जोड़ती है और आध्यात्मिक विकास में सहायता करती है।  
प्रमुख विशेषताएँ और सिद्धांत  
श्री कृष्ण रेकी की पद्धति कई विशिष्ट विशेषताओं और सिद्धांतों को समाहित करती है:  
भक्ति एवं करुणा पर आधारित ऊर्जा: श्री कृष्ण रेकी में ऊर्जा श्रीकृष्ण के दिव्य प्रेम और करुणा से जुड़ी होती है। यह प्रणाली केवल उपचार नहीं, बल्कि साधक को भगवान से भावात्मक रूप से जोड़ने का कार्य करती है।  श्रीकृष्ण मंत्र और ध्यान: श्री कृष्ण रेकी के अभ्यास में कृष्ण योग मंत्रों का उपयोग भी किया जाता है, मंत्रों के उच्चारण से उपचार गहराई से होता है।  
दिव्य प्रतीकों का प्रयोग:  श्री कृष्ण रेकी में श्रीकृष्ण से जुड़े विशेष दिव्य प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है। ये प्रतीक भारत की प्राचीन विद्या से जुड़ी ऊर्जाओं से संबंध रखते हैं।  
मंत्रोच्चार और ध्वनि चिकित्सा:  इस प्रणाली में उपचार के दौरान विशेष कृष्ण मंत्रों का जप और टोनिंग (ध्वनि द्वारा कंपन) की विधि अपनाई जाती है, जिससे ऊर्जा का प्रवाह और भी सशक्त होता है।  
भावनात्मक और आध्यात्मिक उपचार: 
श्री कृष्ण रेकी का मुख्य उद्देश्य है साधक के मन के आघातों को दिव्य शक्ति से भरना, और आत्मा को उसकी दिव्यता से जोड़ना, जिससे वह स्वस्थ व समृद्ध जीवन प्राप्त कर सके।  
उसुई रेकी से अंतर और तुलना  
श्री कृष्ण रेकी और उसुई रेकी (Usui Reiki) दोनों ही उपचार प्रणालियाँ हैं, लेकिन उनमें महत्वपूर्ण दार्शनिक और व्यावहारिक अंतर हैं:  
प्रेरणा स्रोत: उसुई रेकी जापान की पारंपरिक प्रणाली है, जबकि श्री कृष्ण रेकी भारतीय संस्कृति, श्रीमद्भगवद्गीता, और श्रीकृष्ण की भक्ति, आकर्षण का सिद्धांत, मंत्र शास्त्र, उसुई रेकी व करुणा रेकी - इन सभी से प्रेरित एक व्यापक प्रणाली है।  
तकनीकी अंतर: उसुई रेकी में जहाँ प्रतीकों और मौन ध्यान का उपयोग प्रमुख है, वहीं श्री कृष्ण रेकी में प्रतीकों और मौन ध्यान के साथ मंत्रों की ऊर्जा का प्रमुख स्थान है। यह ध्वनि और भक्ति के माध्यम से उपचार को अधिक गतिशील बनाता है।   श्री कृष्ण रेकी का कंपन स्तर अधिक भावात्मक और आध्यात्मिक होता है, जो साधक को सीधे परमात्मा से जोड़ने का प्रयास करता है। यह आध्यात्मिक संबंध उपचार प्रक्रिया को और गहरा बनाता है।  
प्रशिक्षण और प्रमाणन  
श्री कृष्ण रेकी का प्रशिक्षण कई प्रमुख स्तरों में दिया जाता है, जिससे साधक चरणबद्ध तरीके से अपनी क्षमताएं विकसित कर सकें:  
1. प्रथम स्तर (आत्म-उपचार) व द्वितीय स्तर (दूसरों का उपचार और मंत्र शक्ति) का संयुक्त कोर्स व कार्यशाला।  
2. तृतीय स्तर का संयुक्त कोर्स व कार्यशाला।  
3. मास्टर स्तर (दीक्षा देने की योग्यता)।  
4. ग्रैंड मास्टर स्तर।  

प्रत्येक स्तर में विशेष प्रतीकों, ध्यान विधियों, मंत्रों और अभ्यासों की गहन जानकारी दी जाती है। प्रशिक्षण ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों में उपलब्ध है, और कोर्स पूरा करने पर प्रमाणपत्र श्री कृष्ण रेकी संस्थान द्वारा प्रदान किया जाता है।  श्री मनोज बुब, जो कि इस प्रणाली के संस्थापक हैं, स्वयं इस प्रशिक्षण का संचालन करते हैं और भारत व विदेशों में कार्यशालाएँ आयोजित करते हैं। उनके मार्गदर्शन में प्रशिक्षित शिक्षक अब कई शहरों में श्री कृष्ण रेकी का प्रसार कर रहे हैं।  
वैज्ञानिक दृष्टिकोण और अनुभव  हालाँकि रेकी जैसी ऊर्जा-आधारित प्रणालियों की वैज्ञानिक पुष्टि सीमित है, लेकिन श्री कृष्ण रेकी के अनेक साधकों ने इसके द्वारा मानसिक शांति, गहरे भावनात्मक घावों से मुक्ति, और आत्मिक संतुलन का अनुभव किया है। कुछ शोध संकेत देते हैं कि ऐसी ऊर्जा आधारित प्रणालियाँ व्यक्ति की तनाव प्रतिक्रिया को संतुलित करने में सहायक हो सकती हैं, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। श्री कृष्ण रेकी के माध्यम से प्राप्त अनुभव अक्सर व्यक्तिगत और गहन होते हैं।  
निष्कर्ष  : 
श्री कृष्ण रेकी एक  पारंपरिक रेकी से प्रेरित मनोवैज्ञानिक व आध्यात्मिक  उपचार प्रणाली है जो रेकी हीलिंग, श्रीकृष्ण के दिव्य प्रेम, मंत्र शक्ति और ध्यान साधना के माध्यम से साधक को चैतन्य, प्रेम और करुणा से भर देती है। इसकी स्थापना श्री मनोज बुब ने 2010 में की, और यह आज लाखों साधकों के लिए एक दिव्य अनुभव बन चुकी है।
गुरु परंपरा और पृष्ठभूमि
 श्री मनोज बुब ने Dr. N.K. Sharma और Dr. Savita Sharma (रेकी हीलिंग फाउंडेशन, नई दिल्ली) से उसुई रेकी व करुणा रेकी की औपचारिक शिक्षा प्राप्त की। प्रारंभिक वर्षों में वे "Reiki & Soul Power" नामक पहचान से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे थे। कोविड काल के दौरान जब उन्होंने रेकी को ऑनलाइन प्रारूप में प्रस्तुत करने का निश्चय किया, तब उन्होंने इसे एक नया नाम और नया दर्शन दिया — "श्री कृष्ण रेकी"। इस नाम से उन्होंने इस विद्या को पुनः संशोधित कर एक आध्यात्मिक, संस्कृति संपन्न और मंत्रप्रधान प्रणाली के रूप में प्रस्तुत किया।

Shri Krishna Reiki Masters
 श्री कृष्ण रेकी के अन्य मास्टर्स का परिचय और संपर्क सूत्र
आप इनसे भी रेकी हीलिंग तथा रेकी के शक्तिपात और प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हो। हर मास्टर की अपनी एक विशेष शैली व खूबी होती है। इसका आप लाभ ले सकते हो। इनसे भी शिक्षा प्राप्त करने पर आप श्री कृष्ण रेकी परिवार के सदस्य रहोगे। ( इस सेक्शन का काम चल रहा है, जलदिही उपबद्ध किया जाएगा )

LAXMI MAURYA
Krishna Reiki Grand Master
 PRENATAL YOGA TRAINER  
 SHRI KRISHNA REIKI
A7, 902, MANGAL BHAIRAV, NANDED CITY, PUNE 411041
Contact No. 9819401343
🔹 टीचिंग: Yes 🔹 हीलिंग: Yes

 PRAJAKTA MANOJ DHORE
Krishna Reiki Grand Master
Welness Coach
PEARL WELLNESS  
    Office no. C301 SM COMPLEX PORWAL ROAD LOHEGAON
PUNE 411047  
Conatact No. 9834556483
🔹 टीचिंग: Yes 🔹 हीलिंग: Yes

Pravin Ujegar
Krishna Reiki Master
Weight & Grow Consulting LLP  
D-13, Yashodhan Society, Chintamani Nagar Part 2, Bibvewadi, Pune - 411037  
Contact No. 8446613344
🔹 टीचिंग: Yes 🔹 हीलिंग: Yes

Jyoti mazire
 Krishna Reiki Master
Krishna Healing
Nigdi
Pune 411044
Contact No. : 8149696316 🔹Teaching : yes  🔹Healing : Yes 

Shilpa Vinay Thakur  
Usui Grand Master, Numerologist
SGS Astroshree  
Ramwadi, Tal -Pen,
Dist - Raigad  
Contact No. 8669755531
🔹 टीचिंग: Yes  🔹 हीलिंग: Yes