Abhimanyu Garbh Sanskar
Online Course
Access to 20 Recorded Sessions +
Weekly 1 Live Session on Zoom +
Prenatal Yoga Video Course +
E-books & Resources +
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Discounted Price: ₹4000
Original Cost: ₹5000
Winter Offer Discount: ₹1000
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Abhimanyu Garbh Sanskar Online Course Includes
Full Online Course (Valid till Delivery)
Abhimanyu Garbh Sanskar E-Book (Hindi / Marathi / English / Gujarati)
Weekly 1 Live Session on Zoom (up to Delivery)
Additional Prenatal Yoga Course
Access to Pregnancy WhatsApp Group & Community
Free Parenting Group Access (after delivery)
Full Online Course (Valid till Delivery) + AGS E-Book Etc.
Testimonial Video
English - Hindi - Marathi - Gujrati
अभिमन्यु गर्भसंस्कार : गर्भ संस्कार पर विश्व का पहला परिपूर्ण संशोधन एवं मार्गदर्शन । अब तक संपूर्ण भारत में 500 से अधिक शिविर व हजारों लागोने किया ऑनलाइन कोर्स को जॉइन । अबतक अभिमन्यु गर्भ संस्कार व्दारा विगत 18 वर्ष में शिविर(workshop) के माध्यम से 29000+ व विगत 2 वर्ष से ऑनलाइन कोर्स के माध्यम से 4000+ माता पिताओं को दिव्य अनुभुती के साथ स्वस्थ, सुदृढ, समृद्ध एवं दिव्य संतान प्राप्ति ! अबतक अभिमन्यु गर्भ संस्कार के मराठी व हिंदि एडीशन्स मिलकर 75000+ बुक्स का सेल । इंग्लीश व गुजराती बुक्स का कींडल व गुगल बुक एडीशन उपलब्ध ! अबतक 1 लाख 50 हजार से ज्यादा एप्स डाउनलोड ! उपरोक्त सभी के माध्यम से विश्व में सबसे अधिक हजारों पार्टिसिपन्टस् के विडीओ-टेक्स्ट-डिजीटल रिव्युज देखने, सुनने व पढन ेके लिए उपलब्ध !
अभिमन्यु गर्भ संस्कार कोर्स या शिविर में निम्न नौ प्रकार के संस्कार व अन्य प्रोसेस लिए जाते है ।
(1) मातृपितृ संस्कार (2) षटचक्र संस्कार (3) समृद्धी संस्कार (4) मंगलम् संस्कार (5) कला सृजन संस्कार (6) अन्न संस्कार (7) विद्या संस्कार (8) पंचतत्व संस्कार (9) धर्म संस्कार (10) म्युजिक थेरेपी (11) गर्भ संवाद (12) गर्भ ध्यान (13) प्राणायाम व ध्यान (14) सामान्य व्यायाम (15) गर्भसंस्कार विज्ञान (16) भय एवं तनाव मुक्ति (17) अनुवांशिकता शुद्धि (18) शांती व सकारात्मकता (19) माईंड डेवलपमेंट (20) सामान्य प्रसुती इ
शिशु के जन्म के पहले दिन से ही सभी को आश्चर्यचकित करनेवाले विशेष गुणों का दर्शन शिशु में देखने को मिलता है, उदा. पहले दिन ही शिशु का पलट जाना, सप्ताह भर में शिशु का माँ बोलना, 2-3 महिनों के भीतर घुटनों के बल चलना, 3 से 6 माह में खडे रहकर चलना, सदा शांत व प्रसन्न रहने वाला, शांत निद्रा लेने वाला, सदा हँसमुख शिशु इ.।
शिशु को अनुवांशिक रोग व्याधियों से मुक्त रखना, गर्भस्थ शिशु का पुरा 100 % विकास एवं सामान्य प्रसुती वह भी हँसते व मुस्कुराते करवाना यह भी शिविर की विशेषता है ।
शिविर या कोर्स करते ही शिविराथीर्र् माँ के और अगर पिता साथ में है तो उनके भी स्वभावशैली में श्रेष्ठ शिशु के दृष्टिकोण से आवश्यक परिवर्तन आ जाता है ।
माँ भयमुक्त, तनाव मुक्त एवं प्रसन्न जीवन जीने लगती है, उसके गर्भावस्था का सफर सहज एवं सुंदर बन जाता है ।
गर्भस्थ शिशु के माँ के साथ पिता भी शिविर में उपस्थित हो तो उनको भी अपनी विशिष्ट भुमिका का एहसास होता है तथा लाभदायक प्रशिक्षण भी प्राप्त होता है ।
शिविर अकेली माँ कर सकती है पर पिता को समय देना संभव हो तो वह भी अवश्य सहभाग ले इससे शिविर के लाभ कई गुना बढ जाते हैं ।
हजारों में विशेष उठ कर दिखनेवाले व्यक्तिमत्व का शिशु अवश्य ही प्राप्त होता है ।
गर्भ में ही शिशु की एकाग्रता, स्मरणशक्ती, अभ्यासशीलता, संयमशीलता आदि उच्चस्तर पर निश्चित की जाती है । गर्भ के भीतर ही शिशु को पुरा जीवन निश्चित करने का सामर्थ्य इस शिविर में है ।
गर्भस्थ प्रशिक्षण के आधार पर, जन्मोंपरांत शिशु अपना संपूर्ण जीवन अधिक उच्च कोटि का बनाते हुए सहज व समृद्ध जीवन जीता है ।
एक माता पिता अपने बच्चे कोे इस शिविर/ कोर्स से अच्छा आशीर्वाद और क्या दे सकते हैं !
बच्चा होने के बाद लाखो करोडो रुपये व समय खर्च कर कर भी हम जो दे नही सकते, ऐसा बहुत कुछ हम शिविर/कोर्स के द्वारा दे जाते है । बच्चा बडा होते समय उसके लिए लगने वाला अनावश्यक / अप्रत्याशित खर्च व समय भी बच जाता है ।
उपरोक्त सभी बातें बच्चा होने के बाद दिखनेवाली हो, परंतु इन बातों की निश्चितता शिविर/कोर्स करते समय ही प्रतीत हो जाती है । शिविर पहले माह से प्रसुती तिथी तक कभी भी किया जा सकता है, किसी भी माह में करने पर शिविर से समान फल मिलता है, परंतु जल्दी शिविर करनेे का एक विशेष लाभ यह है कि - शिशु हेतु माँ की बदली हुई स्वभाव शैली एवं जीवन शैली को अधिक समय मिल जाता है ।
नकारात्मक परिणामों व संस्कारों पर रोक लग जाती है । अभिमन्य गर्भ संस्कार : जन्म के पूर्व शिशु की 2 दिन की गर्भ पाठशाला, जिसमें दी जाती है आनंदमय व संपन्न जीवन की शिक्षा एवं आजीवन स्वास्थ व खुुशियों की सौगात । एक सुनहरा अवसर, जो आपके गर्भस्थ शिशु की प्रतीक्षा कर रहा है ।.....
अभिमन्यु गर्भ संस्कार में आपका हार्दिक स्वागत ।
Abhimanyu Garbh Sanskar Committed towards Healthy & Happy Motherhood. Invest your 2 Days wisely..and Get Healthy-Wealthy Baby- & Fit Mom - Smart Father for Life Long
★ World's First workshop & Course based on time tested research of Garbh Sanskar. India's famous and most popular Garbh Sanskar Workshop
★ More than 500+ live workshops delivered pan India & also online Course available now.
★ More than 29000+ participants have Happily experienced the magical benefits of the workshop.
★ The child receives the special Personality while in womb very easily.
★ Child's concentration power, memory sharpness, patience and other personality features can be programmed while in womb itself.
★ Participants of the workshop, are able to experience magical yet amazing results such as turning of baby on the very first day, calling 'mom' in 1st week, crawling moments in 3-4 months , walking within 6 months and other such as being Happy, taking enough rest and sleep and always smiling
★ Workshop also delivers sanskaras to keep child away from the negative energies, relevant diseases etc.
★ 100% complete development of the child through sanskaras will be taught in workshop.
★ Post workshop, positive changes in the behavior of the Mother have been experienced.
★ Mother experience more stronger mental strength, becomes free from all sorts of fear, tension and leads a Happy life forever.
★ The journey of pregnancy becomes more Beautiful, determined, attractive, exciting and comfortable.
★ Father parent participant of workshop gets an advantage of understanding his exact role in family.
★ Though mother can attend the workshop alone but if the father can also share his time then benefits of workshop can be multi fold.
★ Workshop has the potential in developing the future of the child & post birth, the child lives a happy and blissful life.
★ This is the wonderful gift and blessings, parents can offer to their child, who will bring bundle of Joy tomorrow!
★ What can't be given after spending lots of money after the birth of child can be given from this workshop & also unnecessary expenditure is saved.
★ Workshop gives you experiences that assures you that you will definitely have a wonder kid post birth.
★ The concepts taught in Abhimanyu Garbh sanskar workshop are relevant and most effective. More than 24000 parents have experienced the benefits of its in 450+ workshops.
★ Abhimanyu Garbh sanskar workshop is actually a Master key in designing and developing the kind of child you wish. ★ We welcome you, along with your child for the workshop.
Following Sanskaras & Process are taken in live workshop & Online Course
●Healthy - Wealthy and Happy Child. ● Pranayam and Meditation ● Matru - Pitru Sanskar ● Shat-Chakra Sanskar ● Samrudhi Sanskar ● Garbh Sanvad (Communication with the child) ● Shishu Dhyan (Child Meditation) ● Mangalam Sanskar ● Kala Srujan Sanskar ● Vidya Sanskar ● Panchtatva Sanskar ● Mantra sanskar ● Ann Sanskar (Food Related) ● Prenetal Yoga (Optional) ● Matrutv Utsav & Nand Utsav ● Introduction to Motherhood ● Science behind Garbh Sanskar ● Freedom from Fear and Tension. ● Fear & Tension Free Motherhood. ● Anuvanshikta Shudhi ( Heritability clearness & purity) ● Training Process to Womb child ● Normal Delivery ● For Workshop : Air Conditioned Hall, Musical and pleasing Atmosphere, Pure Veg Breakfast, Lunch and Tea
●(1) मातृपितृ संस्कार (2) षटचक्र संस्कार (3) समृद्धी संस्कार (4) मंगलम् संस्कार (5) कला सृजन संस्कार (6) अन्न संस्कार (7) विद्या संस्कार (8) पंचतत्व संस्कार (9) धर्म संस्कार (10) म्युजिक थेरेपी (11) गर्भ संवाद (12) गर्भ ध्यान (13) प्राणायाम व ध्यान (14) सामान्य व्यायाम (15) गर्भसंस्कार विज्ञान (16) भय एवं तनाव मुक्ति (17) अनुवांशिकता शुद्धि (18) माईंड डेवलपमेंट (19) सामान्य प्रसुती इ
Welcome for Your Dream Baby.
अभिमन्यु गर्भ संस्कार : भारतातील लोकप्रिय शिबिर व ऑनलाईन कोर्स आणि गर्भ-संस्कारा वरील जगातील पहले परिपूर्ण संशोधन व मार्गदर्शन. आज पर्यंत 500 हुन अधिक शिबिरांचे आयोजन व जवळपास 29000+ लोकांचा प्रत्यक्ष सहभाग. सर्वांना दिव्य अनुभवां सह स्वस्थ, सुदृढ, समृद्ध एवं दिव्य संतान प्राप्ति । या शिवाय सध्या ऑनलाईन कोर्स च्या माध्यमातुन दर महा शेकडो गर्भवती सहभागी होत आहेत.
शिबिरात /कोर्स मध्ये 9 प्रकारांचे संस्कार व इतर प्रक्रिया घेतल्या जातात (1) मातृपितृ संस्कार (2) षटचक्र संस्कार (3) समृद्धी संस्कार (4) मंगलम् संस्कार (5) कला सृजन संस्कार (6) अन्न संस्कार (7) विद्या संस्कार (8) पंचतत्व संस्कार (9) धर्म संस्कार (10) म्युजिक थेरेपी (11) गर्भ संवाद (12) गर्भ ध्यान (13) प्राणायाम व ध्यान (14) सामान्य व्यायाम (15) गर्भसंस्कार विज्ञान (16) भय व तनाव मुक्ति (17) अनुवांशिकता शुद्धि (18) Baby माईंड डेवलपमेंट (19) सामान्य प्रसुती इ
वर्कशॉप/शिबीरा साठी गर्भवतींना सोयीस्कर सुविधां सह प्रतिष्ठित हॉटेल मध्ये वातानुकूलित हॉल, शुद्ध शाकाहारी नाश्ता-जेवण व चहा, संगीतमय व प्रसन्न वातावरण, सुरक्षितता इत्यादी ची व्यवस्था ठेवली जाते. आणि ऑनलाइन कोर्स च्या माध्यमातुन घरी बसुन आपल्या वेळे प्रमाणे 15 सेशन अटेंड करायचे आहेत व प्रसुती होई पर्यंत दर महा 2/3 जुुम लाईव सेशन सुध्दा दिले जातात. या शिवाय वर्कशॉप व ऑनलाईन च्या सर्व पार्टिसींपट्स साठी अधुन मधुन ईतर उपक्रम पण राबवले जातात. अभिमन्यु गर्भ संस्कार चे लोकप्रिय व अत्यंत उपयुक्त असे पुस्तक प्रत्यक्ष शिबीर व ऑनलाईन कोर्स दोन्हि मध्ये दिले जाते.
शिबिर / कोर्स केल्याने होणारे फायदे : हजारोंमध्ये विशेष उठून दिसणारे व्यक्तिमत्व आपल्या बाळास हमखास प्राप्त होते. गर्भातच बाळाची एकाग्रता, स्मरणशक्ती, अभ्यासशिलता, संयमशिलता, प्रतिभा, स्वास्थ्य, इ. उच्चस्तरावर निश्चित केली जाते. बाळास अनुवांशिक रोग व्याधी पासून मुक्त ठेवणे, गर्भस्थ बाळाचा संपूर्णतः 100 टक्के विकास साधणे व सामान्य प्रसुती घडवुन देणे हे देखिल शिबिराचे वैशिष्ट्य आहे. अभिमन्यु गर्भ संस्कार शिबीरात वेदना रहित व बाळास हसत खेळत जन्म देण्याची प्राचिन कला समजवुन दिली जाते.
शिबिरानंतर शिबिरार्थी माता व पिता यांच्या स्वभाव शैलीत विलक्षण फरक जाणवतो. आई भयमुक्त, तणावमुक्त व प्रसन्न जीवन जगू लागते, तीचा गर्भावस्थेचा प्रवास सहज व सुंदर बनून जातो. आई सोबत बाळाचे बाबा पण शिबिरात उपस्थित असतील तर त्यांनाही आपल्या भूमिकेची जाणीव व त्यांना ही लाभदायक असे प्रशिक्षण प्राप्त होते.
बाळाच्या जन्माच्या पहिल्या दिवसापासूनच आश्चर्यचकित करणार्या विशेष गुणांचे दर्शन अनुभवण्यास मिळते. उदा. पहिल्या दिवशीच बाळ पालथे होणे, आठवड्याभरात / 1 महिण्यातच बाळाने आई म्हणणे, 2-3 महिन्यात बाळाचे रांगणे, 3 ते 6 महिन्यात चालू लागणे, तसेच अनावश्यकपणे न रडणारे, सदैव शांतचित्त व प्रसन्न राहणारे, सतत हसतमुख आणि शांत झोप घेणारे असे बाळ...इ
( हे दावे नसुन आजवर शिबीर केलेल्या लोकांचे अनुभव आहेत.) वाचण्या साठी व पाहण्या साठी हजारो लोकांचे अभिप्राय आहेत.
शिबिर / कोर्स एकटी आई करू शकते पण पित्यानेही वेळ दिल्यास शिबिराच्या फायद्यात कैक पटीने वाढ होते.
गर्भात बाळाच्या संपुर्ण जीवनाची दिशा निश्चित करण्याचे सामर्थ्य या शिबिरात असून जन्मानंतर बाळ आपले संपूर्ण आयुष्य अधिक उच्च कोटीचे बनवत सहज व समृद्ध जीवन जगते. हे शिबीर म्हणजे आई बाबा कडुन बाळाला मिळालेले सर्वात मोठे आशीर्वाद आणि आयुष्यभरा साठी भेट ठरेल.
बाळ झाल्यानंतर लाखो रुपये व वेळ खर्च करून सुद्धा आपण जे देऊ शकत नाही असे भरपूर काही शिबिरा मार्फत आपण देऊन जातो. यामुळे मुल वाढवतांना लागणारा अनावश्यक / अनपेक्षीत खर्च व वेळ ही वाचतो.
अभिमन्यु गर्भ संस्कारची संकल्पना ही अत्यंत निराळी व अधिक परिणाम कारक असुन, बाळ झल्यानंतरच उपराक्त गोष्टी निदर्शनास येणार असल्या तरी वरील सर्व गोष्टींची खात्री शिबिरातच पटुन जाते.
अभिमन्यु गर्भ संस्कार म्हणजे जन्म पुर्व बाळाची 2 दिवसांची गर्भ -शाळा होय , जिथे बाळास आनंदमय व संपन्न जीवनाचे प्रशिक्षण व आजीवन स्वास्थ व आनंदाची परवणीच प्राप्त होते. अभिमन्यु गर्भ संस्कार म्हणजे जणू स्व-हस्ते गर्भस्थ बाळाचे सौभाग्य लिहिण्याची एक अद्भुत विधी होय.
आपणांस व आपल्या बाळास या दिव्य संकल्पनेत सहभागी होण्यासाठी अगत्याचे आमंत्रण.
27000+ Testimonials / Reviews Available
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स्वस्थ गर्भावस्था और स्वस्थ बच्चे के लिए प्रीनेटल योगा और सही डाइट प्लानिंग का पालन अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रीनेटल योगा से गर्भवती माँ के शरीर में लचीलापन और ताकत आती है, जिससे प्रसव की प्रक्रिया आसान होती है। साथ ही, सही आहार योजना से माँ और बच्चे को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे शिशु का शारीरिक विकास और माँ की सेहत बेहतर रहती है। प्रीनेटल योगा और ध्यान शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखते हैं, जिससे नॉर्मल डिलीवरी की संभावना भी बढ़ती है।
लेकिन यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा सिर्फ शारीरिक रूप से स्वस्थ ही नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी संस्कारी और बुद्धिमान बने, तो इसके लिए गर्भ संस्कार की जरूरत है। सिर्फ योग और डाइट पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं होगा। अभिमन्यु गर्भ संस्कार प्रोग्राम में इन सभी पहलुओं का समग्र समावेश है। यह प्रोग्राम माँ के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु के मन, बुद्धि और संस्कारों के विकास पर भी ध्यान देता है। गर्भ संस्कार के माध्यम से गर्भस्थ शिशु के साथ संवाद, शास्त्र और आध्यात्मिक शिक्षाओं से उसकी मानसिक और आध्यात्मिक क्षमताओं को बढ़ाने का कार्य होता है।
हमारे दो प्रोग्राम:
1. अभिमन्यु गर्भ संस्कार ऑनलाइन कोर्स : यह प्रोग्राम शिशु के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और संस्कारपूर्ण जीवन विकास के लिए है, ताकि आपका बच्चा न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ, बल्कि संस्कारी, बुद्धिमान और महान बने। दोनों प्रोग्राम अपनी जगह पर अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। गर्भ संस्कार का अधिकांश भाग एक बार करना आवश्यक है, जबकि योग और ध्यान रोज़ाना करने की सलाह दी जाती है, जिससे माँ और शिशु दोनों को संपूर्ण लाभ मिल सके। (Note : कुछ शहरों मे अभिमन्यु गर्भ संस्कार के दो दिवसीय ऑफलाइन वर्कशॉप भी होते है, उसकी जानकारी नीचे दी हुई है । )
2. प्रीनेटल योगा, प्राणायाम और ध्यान: यह प्रोग्राम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए है, ताकि आप स्वस्थ गर्भावस्था और नॉर्मल डिलीवरी की तैयारी कर सकें। जो लोग घर पर अकेले यह साधना नहीं कर सकते वह हमारे एक्सपर्ट योगा ट्रेनर के साथ रोज zoom पर online आकार कर सकते है । जहाँ आपके साथ अन्य अनेक गर्भवती महिलाये भी होगी ।
One More Service for You !
Join Our Daily Live Yoga Class with Pranayam & Meditation On Zoom for a Refreshing Experience!"
"Pregnancy Yoga Online Class for a Healthy Pregnancy, Healthy Baby & Normal Delivery!"
Daily on Zoom
🕖 7:00 - 8:00 AM IST
🕡 6:30 - 7:30 PM IST
(Saturday & Sunday Off)
Fees: 1 Month: ₹1200 ; For 3 Months: ₹3300 & For 6 Months: ₹6000 - Join any batch !
अभिमन्यु गर्भ संस्कार शिविर या कोर्स से संबंधित मन में उभरने वाले सामान्य प्रश्न ।
प्रश्न क्रमांक 1 ः शिविर या कोर्स प्रग्नेंसी के किस माह में करना चाहिए?
समाधान ः वर्कशॉप / कोर्स प्रेग्नंसी के किसी भी माह में अटेंड कर सकते हैं, प्रेग्नंसी के पहले सप्ताह सें आखिरी सप्ताह तक कभी भी कर सकते हैं, किसी भी माह में कर लो, पूर्ण लाभ होगा ही । पर जितना जल्दी कर लो उतना अधिक लाभ भी हैं, जल्दी कर लो तो शिशु के दृष्टिकोन से माँ की जो स्वभाव शैली व जीवन शैली बदलकर दी जाती हैं उसे अधिक समय मिल जाता है, मातृत्व परिचय भी हो जाता है, और नकारात्मक संस्कार या नेगेटिव्हिटी शिशु के पास न जाये इसका उपाय भी हो जाता है, शिशु को संरक्षण प्राप्त होता हैैं । माँ के शिशु से संबंंधित कोई मानसिक, शारीरिक व कार्मिक दोष अगर हो तो उसका भी निर्मूलन/निर्गमन हो जाता है, इसलिए जब शिविर है, यह पता चले वही समय सही है, यह मानकर सामने आने वाला पहला शिविर अटेंड कर ले यही बेहतर हैैं ।
प्रश्न क्रमांक 2 ः यह सभी संस्कार 2 दिन के शिविर में या ऑनलाइन कोर्स में हो जायेगें क्या ?
समाधान ः शिविर या कोर्स में लिया जानेवाला 70% हिस्सा आपको फिर से रिपीट करना ही नही होता । शिशु गर्भ में जब तक है यह संस्कार एवं प्रक्रियाऐं कम से कम एक बार होना आवश्यक है । यह सभी संस्कार प्रेग्नंसी के किसी भी माह में केवल एक बार हो जाये तो बस हैं । घर पे जो करना हैं उसका प्रशिक्षण शिविर में दे दिया जाता हैं । आज तक 500 से अधिक शिविरों में 25000 से भी अधिक लोगों ने इनका आनंदमय एवं दिव्य अनुभव लिया है । इनमे से अधिकतम लोगो के अभिप्राय (रिव्यूज) पढने के लिए एवं देखने के लिए उपलब्ध है । आज तकरीबन हर बॅच में आधी बॅच पुराने लोग अपने अनुभव के आधार पर भेजते है । पहले प्रेग्नेंसी में आये हुए लोग दुसरी प्रेग्नेंसी में भी आवश्य आते हैं । आप खुद भी कैसी संतान चाहिए या कैसी होगी इन भावों के साथ नही तो मेरी संतान कैसी है इस विश्वास के साथ शिविर व कोर्स पुरा कर लोगे ।
प्रश्न क्रमांक 3 ः शिविर में दो दिन मैं लगातार इतना समय दे पाऊंगी क्या?
समाधान ः पहले तो 2 दिन वहाँ बैठे रहना पडेगा, यह दिमाग से निकाल दो । वर्कशॉप को इस तरह से डिजाइन किया गया हैैं कि जितना घर पर रिलैक्स रहते हो, उससे कई गुना ज्यादा वर्कशॉप में रिलैक्स फील होगा । प्रशस्त सुविधाओं के साथ एसी हॉल, उसमें नीचे बैठकर, कुर्सी पर बैठकर, सोकर, इस प्रकारके स्टेप्स में सभी प्रोसेस बारी बारी से लिए जाते है । इसमें भी किसी को बैठना या सोना नहीं है तो उसको भी ऑप्शन मिल जाएंगे । गर्भ पर तनाव आये ऐसी कोई भी प्रक्रिया यहाँ नही ली जाती । 10 मिनट के 2 टी ब्रेक और 1 घंटे का 1 लंच ब्रेक भी होता है । कुछ ऑलरेडी तकलीफ होगी वह भी खत्म हो जाएगी तो नई तकलीफ का तो सवाल ही नही उठता ।
प्रश्न क्रमांक 4 ः अभिमन्यु गर्भ संस्कार शिविर में या कोर्स में गर्भवती के साथ उसके पति भी रहे यह जरूरी हैं क्या?
समाधान ः शिविर या कोर्स में प्रत्यक्ष सहभाग माँ का ही होता हैं, कारण शिशु माँ के गर्भ के भीतर होता है । पति साथ में हो यह जरूरी नहीं पर हो तो कुछ अतिरिक्त लाभ हो जाते है । 1) गर्भावस्था के दृष्टिकोण से माँ की जो स्वभाव शैली एवं जीवन शैली शिविर में बदलकर दी जाती है, उसे पिता भी (पति) समझ कर ले व वह बदल के हुए जीवन में खुद उसका साथ दे एवं सहयोग प्रदान करें यह संभव हो जाता है । साथ ही गर्भावस्था में पिता की भूमिका क्या होती है यह भी शिविर में बताया जाता है । जिससे पुरुष जीवन में सर्व श्रेष्ठ पिता साबित होता है । 2) दुसरा कारण यह भी हैैं, कुछ धार्मिक पूजाओ में पति पत्नी जोडी से बैठते हैं, उसी तरह कुछ संस्कारो में दोनों साथ बैठे तो शिशु को विशेष लाभ प्राप्त होगा । 3) तिसरा कारण माँ एवं शिशु में जो लाइफ टाइम कनेक्टिव्हिटी होती है, वैसी ही रिलेशनशीप पिता को भी प्राप्त होती हैं । परंतु पिता किसी कारणवश सहभाग ना ले पाए तो माँ इस कारण से अपने बच्चे को इन संस्कारों से वंचित न रखे । वह अकेले ही शिविर या कोर्स कर ले, या यह भी हो सकता है कि माँ शिविर दोनो दिन कर ले पिता एक दिन आ जाये । व ऑनलाइन कोर्स में माँ पुरा कोर्स करें व पिता जब जब हो सके तब साथ हो जाये ।
प्रश्न क्रमांक 5 ः डॉक्टर की फाईल या सोनोग्राफी रिपोर्ट हमें दिखाना होता है क्या ?
समाधान ः जी नही । अभिमन्यु गर्भसंस्कार शिविर / कोर्स में आपको कोई औषधियों को सूचित नही किया जाता । न ही कोई वैद्यकीय प्रक्रिया ली जाती है, और नही बताई जाती है । आपके डॉक्टर के ट्रीटमेंट में कोई दखलंदाजी नही की जाती । आपके और डॉक्टर की रिलेशनशीप स्वतंत्र है । उसका गर्भ संस्कार से कोई प्रत्यक्ष संबंध नही आता । शिविर में ना ही ऐसी कोई प्रक्रिया या योगा-एक्सरसाईज ली जाती है जिससे गर्भ पे तनाव आये । बेड रेस्ट में या नौ माह पुरे होते हुए भी शिविर आराम से कर जाते है लोग । पल पल कहाँ गुजर गया यह भी पता नही चलेगा, इतना आनंदमय अनुभव प्राप्त होता है । कुछ लोगों की यह गलतफहमी हैं कि गर्भ संस्कार अर्थात कोई वैद्यकीय प्रोसेस व योगा,1-2 मंत्र होंगे । गर्भसंस्कार की अपनी स्वतंत्र व भव्य भूमिका है, शिविर / कोर्स में उसी को निभाया जाता है । गर्भ संस्कार की मूल संकल्पना को साकार एवं प्रचारित करने वाला आज के तारीख में अभिमन्यु गर्भ संस्कार विश्व का सबसे बडा ब्रांड है । हर शिविर में स्थानिक शहर के अलावा राज्य से, अन्य राज्यों से तथा एन.आर.आय. भी आते है । अबतक सैकडों डॉक्टर्स ने भी शिविर अटेंड किया है । कई डॉक्टर्स तो अभिमन्यु गर्भ संस्कार का कोर्स / पुस्तक/ अॅप अब प्रीस्क्रीप्शन में लिख कर देने लगे है ।
प्रश्न क्रमांक 6 ः अभिमन्यु गर्भ संस्कार की पुस्तक एवं अॅप से काम चल जाएगा क्या?
समाधान ः जिन लोगों को शिविर या कार्स करना संभव नहीं हैं उनको यह बुक और अॅप पूरा करना आवश्यक ही हैं । पर पुस्तक का 70% पार्ट शिविर या कोर्स में नही लिया जाता । अॅप में जो ट्रॅक्स आदि हैं वह भी कोर्स में नही लिए जाते हैं। बुक और अॅप होमवर्क के लिए दिए जाते हैं । शिविर या कोर्स का 70% पार्ट पढकर या सुनकर नही हो सकता । उसे तो माँ अपने गर्भस्थ शिशु संग स्वयं उपस्थित रह कर ही पूरा कर सकती हैैं। अभिमन्यु गर्भ संस्कार में माता पिता को मिलने वाले प्रशिक्षण एवं गर्भस्थ शिशु को मिलने वाले प्रत्यक्ष संस्कारों का स्वतंत्र अस्तित्व एवं महत्व हैैं ।
प्रश्न क्रमांक 7 ः मैं वर्किंग हूँ, छुट्टी नहीं है ... क्या करू ?
समाधान ः घर पर या नजदीकी रिश्तेदारी में किसी का विवाह कार्य हो तो हम छुट्टी लेते हैं । रिश्तेदारी में या आसपास कुछ शुभ-अशुभ प्रसंग में भी छुट्टी हम लेते ही है । जरुरत पडने पर स्वास्थ्य हेतु भी हम छुट्टी लेतेे हैं । फिर गर्भस्थ शिशु को शादी ब्याह जैसे कार्यों के तुलना में कम महत्त्व क्यों दे ? अभिमन्यु गर्भ संस्कार में शिशु का संपूर्ण जीवन निश्चित होता है, उसका स्वास्थ्य-स्वभाव निश्चित किया जाता है, तो शिशु के लिए 2 दिन की छुट्टी हम शिविर हेतु ले ही सकते हैं ना! आज 2 दिन की छुट्टी लेने से आगामी जीवन की कई छुट्टियाँ बच जाएगी । शिविर में कपल व सिंगल एंट्री के दोनो ऑप्शन हैं । संभव हैैं तो दोनों दिन दोनों आये। पति (पिता) छुट्टी या अन्य किसी वजह से नहीं आ पाते तो, तो कम से कम गर्भस्थ शिशु की माँ तो जरूर शिविर करें । गर्भसंस्कार के रोल में पहली प्राथमिकता तो माँ की ही है।
अभिमन्यु गर्भ संस्कार शिविर अटेंड करने के लिए लोग शहर के दूरदराज के हिस्से से तो आते ही हैं, कुछ अन्य शहर से कुछ अन्य राज्यों से, तो कुछ युएस, युएके, ऑस्ट्रेलिया आदि विदेशों से भी आते है । वह कितने दूर से आते है और अपने गर्भस्थ शिशु के लिए उनका कितना समय व रुपया खर्च करते होंगे, अंदाजा लगाईये । निश्चित ही उनकी तारीफ करनी होगी । और जो शिविर (वर्कशॉप) में प्रत्यक्ष पोहंच नही सकते वह ऑनलाइन कोर्स के माध्यम से पुरे गर्भ संस्कार व प्रासेस पुर्ण कर सकते है ।
प्रश्न क्रमांक 9 ः गर्भावस्था पूर्व भी (Prepregnancy) यह शिविर या कोर्स कर सकते हैं क्या?
समाधान ः जी हाँ कर सकते हो, और जरूर करना चाहिए । शिविर खास गर्भवतियों के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन गर्भावस्था पूर्व शिविर करने से कुछ अतिरिक्त लाभ हो जाते है । गर्भधारणा संबंधित कुछ शारीरिक, मानसिक, कार्मिक व्यवधान या दोष होंगे तो यह दूर हो सकते हैं । शरीर, मन आत्मा तीनो संतान प्राप्ति के लिए तैयार हो जाते हैैं । गर्भ धारणा केवल शारीरिक घटनाक्रम नही है, यह एक मानसिक एवं आत्मिक घटनाक्रम भी हैं । गर्भधारणा को केवल वैद्यकीय व शारीरिक दृष्टीकोण से न देखते हुए वैश्विक व दिव्य दृष्टि से देखें । शिविर में बैठकर जिस तरह के शिशु का संकल्प करोगे उसी तरह का शिशु पा जाओगे । संतान प्राप्ति हेतु जो लोग संघर्ष कर रहे हैं, उनके लिए भी यह शिविर अत्यंत उपयुक्त है । पुराने समय में संतान प्राप्ति हेतु गर्भाधान संस्कार किया जाता था । यह शिविर करने से एक तरह से गर्भाधान संस्कार ही पुरा हो जाता हैं । “गर्भधारणा पूर्व एक एवं गर्भधारणा के बाद एक“ इस तरह शिविर / कोर्स करने से सर्वोत्तम संतान प्राप्ति होगी इसमें कोई संदेह नही । इस तरह गर्भधारणा पूर्व अगर किसी को शिविर में आना हो तो हार्दिक स्वागत है ।
शिबिर / कोर्स सहभागा विषयी काही कॉमन प्रश्न व त्याचे समाधान.
प्रश्न क्रमांक 1 ः शिबिर / कोर्स गर्भावस्थेच्या कोणत्या महिन्यात अटेंड करायला हवे?
समाधान ः शिबिर कोणत्याही महिन्यात केले तरी चालते अगदी नऊ महिने भरत असताना सुद्धा केल्यास शिबिरातील संस्कारांचे पूर्ण लाभ होतीलच. पण जेवढे लवकर कराल तेवढा अतिरिक्त लाभ पण होत असतो. लवकर केल्यास बाळाच्या दृष्टिकोनातून आईची जी स्वभाव शैली व जीवन शैली बदलून दिली जाते त्यास अधिक काळ मिळतो. मातृत्व परिचय व जागृती लवकर होऊन जाते. तसेच नकारात्मक संस्कार नेगेटिव्हिटी बाळाकडे जाऊ नये याची उपाय योजना होऊन जाते. बाळास संरक्षण प्राप्त होते. आई मधून बाळाशी संबंधित काही मानसिक, शारीरिक व कार्मिक दोष असतील तर त्याचे ही र्निमूलन होऊन जाते. म्हणून शिबिर आहे कळताच तीच वेळ शिबिर करण्याची योग्य वेळ समजावी व समोर येणारे पहिले शिबिर अटेंड करून घ्यावे किंवा ऑनलाईन कोर्स करुन घ्यावे.
प्रश्न क्रमांक 2 ः शिबीरात दोन दिवस एवढा वेळ मी बसू शकेन का ?
समाधान ः शिबीरात दोन दिवस बसून रहावे लागेल हा गैरसमज मनातून काढून टाका. घरी जवेढे रिलॅक्स राहता त्याच्या अनेक पटीने वर्कशॉप मधे रिलॅक्स फील कराल अशा स्वरूपात वर्कशॉप डिजाईन केले आहे. प्रशस्त सुविधा सह एसी हॉल, त्याच खाली असून, खूर्चीवर बसून, झोपून सर्व प्रकारच्या स्टेप्स मधे सर्व प्रोसेस बारी बारीने घेतले जातात. या मधे ही कोणास खाली बसायचे किंवा झोपायचे नसेल तर त्यालाही ऑप्शन्स असतात. गार्भावर ताण येईल अशी कोणतीही प्रक्रिया इथे घेतली जात नाही व काही ऑलरेडी त्रास असतील तर ते सुधारून जातातअगदी गर्भावस्थेच्या शेवटच्या आठवड्यातील शेकडो गर्भवतींनी आमच्याकडे शिबिर केले आहे. तेव्हा आपण निश्चितंपणे 2 दिवस शिबिर करू शकता.
प्रश्न क्रमांक 3 ः हे सर्व संस्कार 2 दिवसाच्या शिबीरात होऊन जाईल का ?
समाधान ः शिबिरातील 70 टक्के भाग घरी परत करावयाचा नसतो. बाळ गर्भात असे पर्यंत हे सर्व संस्कार व प्रक्रिया किमान 1 वेळा होणे आवश्यक असते. हे सर्व प्रकार गर्भावस्थेत कोणत्याही महिन्यात फक्त एक वेळा शिबिरात झाले तरी पूरे होते आणि घरी करण्यासाठी जो भाग आहे त्याचे प्रशिक्षण शिबिरात दिले जाते. आज घडिला 500 हून अधिक शिबिरे व 24000 हून अधिक जणांनी प्रत्यक्ष अनुभव घेतला आहे. त्यापैकी बहुतांश लोकांचे अभिप्राय वाचण्यासाठी व काहींचे व्हिडीओ अभिप्राय पाहण्यासाठी आमच्याकडे उपलब्ध आहेत. काही व्हिडीओ अभिप्राय अॅप किंवा वेबसाईट वर व्हिडीओ गॅलरी मधे पाहू शकता आणि आज जवळपास प्रत्येेक बॅच मधे आधीच्या बॅचचे जुने लोक पाठवत आहेत. ते फक्त स्वतःच्या अनुभवाच्या जोरावरच. पहिल्या प्रेग्नेंसीमधे आलेले दुसर्या प्रेग्नेंसी मधे पण आवर्जुन येतातच. तुम्ही स्वतः मला बाळ कसे हवे किंवा कसे होईल या विचारातून नाही तर, माझे बाळ कसे आहे या खात्रीने शिबिरातून निघाल. शिबीरात घेतले जाणारे सर्व संस्कार व प्रोसेस ऑनलाईन कोर्स मध्ये पण दिलेले आहेत. स्क्रीन वर करणे व प्रत्यक्ष करणे हा फरक पडतो. नंद उत्सव फक्त तशबीरात होतो ऑनलाईन कोर्स मध्ये ते शक्य नाही.
प्रश्न क्रमांक 4 ः अभिमन्यु गर्भ संस्कार शिबिरात गर्भवतीच्या पतीने सोबत राहणेे आवश्यक आहे का ?
समाधान ः शिबिरात प्रत्यक्ष सहभाग हा आईचाच असतो, कारण बाळ आईच्या गर्भात असते. पतीने शिबिरात सोबत असावेच असे नाही. पण आई सोबत पिता सहभाग घेत असेल तर अतिरिक्त लाभ ही होतात 1) गर्भावस्थेच्या दृष्टिकोणातून आईची जी स्वभाव शैली व जीवन शैली बदलून दिली जाते त्यास पिता (पती) पण समजून घेत असेल तर त्या शैलीत त्याचाही सहभाग व सहकार्य तिला लाभून जाते आणि गर्भावस्थेत एक पित्याची भूमिका काय असते हे पण समजवून दिले जाते. 2) दुसरे कारण, आई व बाळामध्ये जी कनेक्टिव्हिटी आयुष्यभर असते तशीच पिता व बाळामध्ये ही निर्माण केली जाते. पण काही कारणास्तव शिबिरात पिता येऊ शकत नसेल तर एकटी आई पण सर्व संस्कार प्रणाली पूर्ण करू शकते. 3) काही धार्मिक पुजा अनुष्ठानां मध्ये ध्ये पती पत्नी जोडीने बसण्याचे महत्व आहे. काही संस्कारा मध्ये दोघांनी सहभाग घेतल्यास बाळाला अधिक लाभ होेऊ शकतो. गर्भवतीची सासू व आई पण शिबिरात व कोर्स मध्ये सहभाग घेऊ शकते. त्यांनी पण हे संस्कार समजून घेणे हितावह असे आहे.
प्रश्न क्रमांक 5 ः डॉक्टरची फाईल किंवा रिपोर्ट आम्हाला दाखवावे लागतील का ?
समाधान ः गरज नाही ! अनेकांच्या हा गैरसमज आहे की गर्भ संस्कार म्हणजे वैद्यकीय प्रोसेस व व्यायाम व 1-2 मंत्र हेच सर्व असेल. वैद्यकीय प्रक्रिया ही तुमच्या आणि तुमच्या डॉक्टर मधील विश्वास या अंतर्गत येते. हा महत्त्वाचा भाग असून ही गर्भ संस्काराचा प्रत्यक्ष भाग नाही. आणि जे डॉक्टर पाहत आणि सांगत आहेत तेच आम्ही परत पाहावे व सांगावे एवढा वेळ शिबिरात नसतोच. शिबिरात डॉक्टरच्या ट्रीटमेंटमध्ये कोणातही हस्तक्षेप केला जात नाही. अभिमन्यु गर्भ संस्कार शिबिरात व कोर्स मध्ये कोणतेही औषध सूचवले जात नाही व गर्भावर ताण येईल असे कोणते ही व्यायाम येथे शिकवले जात नाही. गर्भ संस्कार ही एक स्वतंत्र व फार मोठी संकल्पना आहे. गर्भ संस्कार च्या संकल्पनेस मूळ स्वरूपात चालवणारे आज घडिला व अभिमन्यु गर्भ संस्कार विश्वातील सर्वात मोठे व विश्वसनिय ब्रँड ठरले आहे.
प्रश्न क्रमांक 6 ः अभिमन्यु गर्भ संस्कारचे पुस्तक आणि अॅप ने काम चालेल का?
समाधान ः ज्यांना शिबिर करणे किंवा कोर्स करणे शक्य नाही त्यांनी हे दोन्ही “पुस्तक आणि अॅप” पूर्ण करणे आवश्यकच आहे. पण पुस्तकातील 70 टक्के भाग शिबिरात घेतला जात नाही. आणि अॅपमध्ये असलेले ट्रॅक्स शिबिरात घेतले जात नाहीत. पुस्तक आणि अॅप हे मुळात होमवर्क करण्यासाठीच आहेत आणि शिबिरा मधला 70 टक्के भाग ऐकून व वाचून करता येणार नाही. त्याला प्रत्यक्षच हजर राहावे लागेल. किंवा ऑनलाईन कोर्स मध्ये सहभाग घ्यावा लागेल. शिबिरात व कोर्स मध्ये आई बाबांना मिळाणारे प्रशिक्षण व गर्भस्थ बाळाला मिळणारे प्रत्यक्ष संस्कार हे महत्त्वाचे असल्याने प्रत्यक्ष शिबिरास व ऑनलाईन कोर्स ला स्वतंत्र प्रारूप व महत्त्व प्राप्त होते.
प्रश्न क्रमांक 7 ः मी वर्किंग आहे. सुट्टी नाही, काय करू ?
समाधान ः घरी किंवा जवळच्या संबंधमध्ये लग्न कार्य असेल तर आपण सुट्टी घेतच असतो. जवळ नात्यागोत्यात काही शुभ-अशुभ घटना घडली तर सुट्टी घ्यावीच लागते. जर स्वास्थ्य कमी जास्त झाले तर सुट्टी घ्यावी लागते. मग गर्भस्थ बाळास या सर्व कारणांच्या तुलनेत कमी महत्त्व देणे हे चुकीचे ठरेल. 2 दिवसात शिबिरात बाळाच्या संपूर्ण आयुष्याचे निर्धारण, त्याचे स्वास्थ्य स्वभाव इथे निश्चित केले जाते. मग यासाठी सुट्टी घ्यायलाच हवी ना ! आज 2 दिवसाची सुट्टी घेतल्यास आयुष्यातल्या अनेक सुट्या वाचतील. शिबिरात कपल व सिंगल एंट्रीचे दोन्ही ऑप्शन आहेत. पतिस (पिता) सुट्टी नसेल तर गर्भस्थ बाळाच्या आईने तरी किमान शिबिर करावे. हे अपेक्षित ठरते. अभिमन्यु गर्भ संस्कार शिबिर अटेंड करण्यासाठी शहरातून दूर दुरून लोक येतात. काही जण इतर शहर तसेच इतर राज्यातून येतात. कोणी अगदी युएस, युके, ऑस्ट्रेलिया इ विदेशातून ही येतात. एवढ्या दुरून येणारे लोक किती वेळ व रुपये खर्च करत असतील, गर्भस्थ बाळासाठी ? खरंच अशा आई बाबांचे अभिनंदन करायला हवे. एखादे लग्न कार्य शहरात दूर असेल किंवा इतर शहरात असेल तर जाऊन अटेंड करतोच ना. मग पोटातील बाळाच्या संपूर्ण आयुष्यासाठी शिबीरा साठी थोटे दुर जावे लागले तर हरकत नसावी. आणि अभिमन्यु गर्भ संस्कार शिबीर करणे जमत नाही त्यांच्या साठी ऑनलाईन कोर्स उपलब्ध आहे.
प्रश्न क्रमांक 9 ः गर्भावस्था पूर्व पण (Prepregnancy) हे शिबिर करू शकतो का ?
समाधान ः हो करू शकता. आणि नक्की करायलाच हवे. शिबिर हे खास गर्भवतींसाठी डिझाइन केले आहे. पण गर्भ धारणेपूर्वी शिबिर केल्यास काही अतिरिक्त फायदे होऊन जातात. गर्भ धारणा संबंधित काही शारीरिक, मानसिक, कार्मिक अडचणी किंवा दोष असतील तर त्याचे निर्मूलन होऊ शकते. शरीर-मन-आत्मा तिन्ही संतान प्राप्तीसाठी तयार होतात. गर्भ धारणा केवळ शारीरिक घटना नसून ही एक मानसिक व आत्मिक घटना पण आहे. गर्भ धारणेस केवळ वैद्यकीय व शारीरिक दृष्टीने न पाहता यास वैश्विक व दिव्य दृष्टीने पाहायला हवे. शिबिरात बसून जशा बाळाचे संंकल्प कराल तसे बाळ प्राप्त होते. संतान प्राप्तीसाठी संघर्ष करत असलेल्यांनी सुद्धा हे शिबिर करावे असे आहे. पूर्व काळात मिसकॅरेज सारखा नकारात्मक प्रकार घडला असेल तर एकदा शिबीर अटेंड करुन व अभिमन्यु गर्भ संस्कार या पुस्तकातील गर्भाधान पुर्वी च्या भागाचा आभ्यास करुनच दुसरा चांस घ्यावा असा सुज्ञ सल्ला असेल. एका प्रकारे प्राचीन काळी संतान प्राप्तीसाठी गर्भाधान संस्कार केले जायचे. हे शिबिर केल्याने एका प्रकारे गर्भाधान संस्कारच पूर्ण होऊन जाते. “गर्भ धारणा पूर्वी एक आणि गर्भ धारणे नंतर एक” शिबिर असे केल्यास सर्वोत्तम संतान प्राप्ती होईल यात काहीच वाद नाही. तेव्हा गर्भ धारणेपूर्वी व कोणास यायचे असेल तर स्वागतच आहे. फॉर्म भरताना आठवणीने फॉर्मवर (Prepregnancy) असे लिहावे. जेणे करून तसे आशीर्वाद आणि अतिरिक्त सूचना देता येतील.
अभिमन्यु गर्भ संस्कार हा आग्रहाचा विषय असुन आपल्या व गर्भस्थ बाळाच्या जीवनाकडे दुरदृष्टीने पाहणार्या व महत्व देणार्या पालकांचे या दिव्य संकल्पनेत स्वागत आहे.
गर्भ संस्कारा पासुन कोणीही वंचित राहु नये, हे कार्य सर्वत्र पोहंचावे या साठी आपल्या सुचना व सहकार्याचे स्वागत आहे. गर्भ संस्कार शिबीराचे सामाजिक आयोजन, सामाजिक संस्था व संघटना यांनी केल्यास त्यांचे स्वागत असेल. पुनश्च एकदा आपणांस व आपल्या बाळास या दिव्य संकल्पनेत सहभागी होण्यासाठी अगत्याचे आमंत्रण.
Questions arising in your mind about the Abhimanyu Garbh Sanskar
Workshop Every expecting parents are excited about what to do for their unborn, and leaves no stone unturned for well being of their unborn child. When they get to know about the Abhimanyu Garbh Sanskar they immediately join the workshop. But still some parents even after knowing the importance of this workshop, this little effort for them.
Que. No.1 : I’m a working woman, can’t take holiday.. What to do.?:
Ans. For any relatives wedding or any programme we don’t hesitate to take holidays.. Then why to when your taking holiday for your unborn baby & his future. In 2 days of workshop your baby’s health & nature will be decided. So can’t you spend 2 days for your baby. In the workshop you can join us as couple or as single also. If possible do attend this workshop as couple only. If the would be father can’t come then at least baby’s mother should join us. If the father can’t join both the days, he can join on the 2nd day. He’ll be charged for the 2nd day only.
Que No.2 : The workshop venue is too far.?
Ans. People come from across the city to attend the Abhimanyu Garbh Sanskar workshop. Some even come from across the state & some come from out of the state. It is really appreciable that they they spend so much money & time for their baby.As this is a National lavel big budget workshop, we can’t organise the workshop in each & every area of any city. You just have to wake up a little early & cover a somewhat long distance, we can definitely do this for our unborn baby.
Que. No.3 Which month in pregnancy is apt to attend the workshop?
Ans. You can attend the workshop in any month of your pregnancy, even if you are in your last month then also you can attend the workshop. But as early you are is as best as it can be. If you attend the workshop in earlier phase of your pregnancy, the would be mother’s lifestyle & behavior is changed according to the baby. Motherhood is introduced & felt quickly if you attend the workshop early. Likewise it is also made sure that the baby feels no negativity near him/her. Baby feels/gets protected. Therefore as you get to know about the workshop don’t delay, & attend the first workshop which you can.
Que. No.4. : Could I sit on one place for so long time & that too for 2 days?
Ans. Get rid of the non-assumption that you have to sit for two days. The workshop is designed in the form of as much relaxed you be at home, that much relaxed you'll be in the workshop. Ac halls are equipped with spacious facilities, sitting in the seat below, sitting on the chair, sleeping processes in all sorts of steps. If you do not want to sit or lie down in process, then it is also a choice. There is no procedure that can be stressed on the fetus. And if there are some already symptoms then they also go away. Even if there is any doubt in spite of this, you can go back refunding fees, only deducting expenses for your attended part of session. And it is special that no one has gone back till today. Hundreds of pregnant women have even attended workshop in the last week of pregnancy. You can definitely attend 2 days workshop
Que. No.5.: Will this sanskars be done in 2 days?
Ans. The question can arise in one's mind by reading the contents, benefits and features of the Garbh Sanskar Workshop. 70% of workshop do not have to repeat at home. It is necessary to go through the process at least one time as long as the baby is in the womb. It is enough to go through the process in any months of pregnancy. And we give training for the part that is to be done at home. Today, more than 390 camps and more than 17000 people have experienced it. Most of the feedbacks are available with us to read. Some videos are available with us for viewing feedback.You can see this on the app or website and today almost half batch is sent by old batch peoples are sending in almost every batch, only on the their own experience. People who attends workshop in first pregnancy comes in the second pregnancy as well.
Que. No.6: Is it necessary to get her husband with the pregnant lady Abhimanyu Garbh Sanskar?
Ans. The actual participation in the workshop is of the mother's, because the baby is in the womb of the mother. Husband does'nt need to sit in the workshop, but if the father is involved with his mother, there is additional benefit. 1) From the perspective of the pregnancy, the nature and lifestyle of the to be mother is changed but if he the father (husband) understands, then the participation and co-operation in that style also benefits him and it is understood that what is the role of a father in pregnancy. 2) Another reason is that it is important for to attend any Pooja in pairs, i.e. by pairing in some religious rituals. 3) Thirdly, the connectivity between mother and child is created throughout the life, same connectivity is produced between the father and child as it is for a lifetime. But if for some reason a father can not come in the workshop, then the mother alone can complete all the sanskaras. If the father is unavailable, then the pregnant lady's mother-in-law or the mother can participate in the workshop. They also must be desirous to understand this Garbh Sansakars.
Que No.7.: Will my doctor's file or sonography report have to be bought to the workshop?
Ans. No! Abhimanyu Garbh Sanskar does not recommended any medicine and no exercise is taught which may cause pressure on the fetus. Many people have a misunderstanding that Garbh sanskar includes medical procedures and exercise and some mantras. The medical procedure comes under "Trust in You and Your Doctor". This is an important part but is not a part of Garbh sanskar. And we don't have so much time to repeat those things in Workshop which are already said by doctors. There is no intervention in the doctor's treatment in the workshop. Garbh Sanskar is an independent and very big concept. And Abhimanyu Garbh Sanskar is the largest brand in the universe today, which workshops for garbh sanskar in its original form.
Que. No.8. Isn't Abhimanyu's Garbh Sanskar's Book and App enough?
Ans. Those who can not be attend workshop, they must complete these two courses ie. courses given in book & app. But 70% of the book is not taken in the workshop. The tracks in the app are not taken in the workshop. Book & App they are basically for home and 70% of the workshop can not be read & understood. It is important for the to be present in the workshop to understand it. The training received in workshop by to be mother & father and the actual sanskars received by the fetus is important because of it workshop gets independent form and significance.
Que. No.9. Can Pre-Pregnant ladies attend the workshop?
Ans. Yes you can. And you should definitely attend it. The workshop is designed specifically for pregnant women. But before getting pregnant if you attend the workshop, there are some extra advantages. If there is some physical, mental, personal problems or defects related to fetus, it can be eradicated. The body, mind and soul are ready to attain the future child. Pregnancy retention is not just a physical phenomenon but it is also a mental and spiritual phenomenon. Gestational should be seen only in a global and divine way, not only in terms of medical and physical conditions. A mother receives a baby as she resolves sitting in the workshop. Those who are struggling to get children, also have to attend this workshop. In a way, conception was carried out in order to attain the progeny of ancient times, by conducting these camps one by one completed the conception process. "There is no debate on whether one would get the best workshop before a pregnancy and then a workshop after pregnancy". Then it is welcome if you want to attend before getting pregnant. While filling the form, write pre-pregnency on the form. So you can get blessings and additional instructions as well.
Abhimanyu Garbh Sanskar: 2-Day Offline Workshop
Abhimanyu Garbh Sanskar: 2-Day Offline Workshop
Monthly: 1 workshop in Pune. Every 2 Months: 1 workshop in Thane, Nashik, and Nanded. Every 3 Months: 1 workshop in Nagpur, Ahmedabad, Sambhaji Nagar, and Navi Mumbai. Every 6 Months: 1 workshop in Dadar (Mumbai) and Delhi.
Stay tuned for the next available workshop in your city!
Note : The sooner you start the Garbh Sanskar, the greater the benefits. If there is no workshop in your city in the next 2 months, you can immediately join our online course. And if you join an offline workshop after completing the online course, you will receive a ₹1000 discount on the workshop.
Reviews
5
Top Rated
Surbhi Kasliwal
Magical result...superb course
Thank u Sir n Abhimanyu Garbh Sanskar Team for your Valuable Guidance n support throughout the 9months. With God's Grace After 2 Generations in Our Family... We as the Parents n Our family is blessed with Baby Girl on 18th September...
Prachi Soni
Thanks to Abhimanyu Garbh Sanskar for fantastic course
ABHIMANYU GARBHA SANSKAR'S Smiling BABY TECHNIQUE & normal delivery Technique rocks We are blessed with BABY GIRL on 14th Feb 2022 with Normal delivery♥️ Baby arrived smiling.
Archana Sujay Landge
Bahot Sundar course
Really Bahot Sundar course hai,bahot kuch sikhne ko mila or baby ke liye such me bahot positivity & motivated course hai bahot response deta hai ye baccha session ke andar or bahot Jada confidance bhi Aya.Thank you so much sir...
Bhavana Vivek Pampatwar
Recommended Course
Course content and the way of explanation by Manoj sir is really Awesome. And another part which I like is whatsapp group which he created for all participants where you can discuss queries related to pregnancy and postpartum with each other
Aarti Save
Abhimanyu Garbh Sanskar - The best Garbh Sanskar course for all the pregnant ladies out there!
Abhimanyu Garbh Sanskar and Shri Manoj Bub Sir are truely a blessing in disguise! AGS teaches the importance of baby's overall development, how to inculcate our rich cultural heritage, about how easy a natural delivery can be, amongst many other important aspects about pregnancy and child birth. After doing this course one surely can give birth to a divine child who will have the calibre to make his name in the world. Sir teaches us the importance of different Sanskars and how it can influence our baby in the womb itself in a very easy and simple way. Thank you Abhimanyu Garbh Sanskar and Shri Manoj Bub Sir for your guidance and blessings!
Monali Devendra Waghmare
Completely divine and out of the world experience
I have joined AGS family through my younger brother. Manoj ji is divine soul sent on earth to spread the positivity and sanatan thoughts to help society achieve more heights on spiritual path. 100% great result after doing his workshop / course. I would suggest join his workshop personally with him. I had done his workshop personally and also joined online course. TOTALLY LOVED IT AND LIVED IT. JAI SHRIKRISHNA ?
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